काव्य पल्लव

जीवन के आपाधापी से कुछ समय निकाल कर कल्पना के मुक्त आकाश में विचरण करते हुए कुछ क्षण समर्पित काव्य संसार को। यहाँ पढें प्रसिद्ध हिन्दी काव्य रचनाऐं एवं साथ में हम नव रचनाकारों का कुछ टूटा-फूटा प्रयास भी।
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Friday 13 April 2012

सर्दी की शाम

- कुन्दन कुमार मल्लिक

सर्दी की वो शाम
नुक्कड़ की गर्मागरम चाय
वो लजीज जलेबी और पकौड़े
लेकिन उस बच्चे का क्या
जो फटे चिथड़ों मे लिपटा
प्लेटें साफ कर रहा था ?

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